tag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post4873813300741247368..comments2023-01-26T19:39:37.061-08:00Comments on शब्दों के दिल से : ग़ज़ल vandanahttp://www.blogger.com/profile/06388686161763413227noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post-79619800396240644812013-02-01T06:23:47.521-08:002013-02-01T06:23:47.521-08:00आशीष और शुभकामनायेंआशीष और शुभकामनायेंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post-33342234559265802652012-12-20T10:12:06.355-08:002012-12-20T10:12:06.355-08:00राहुल जी ये ग़ज़ल हैं जो खुद का नही औरों का हाल ब्...राहुल जी ये ग़ज़ल हैं जो खुद का नही औरों का हाल ब्यान करती हैं <br />और फिर लिखने वालें तो जाने कहाँ तक झांक लेतें हैं ......आपको ग़ज़ल कैसी लगी vandanahttps://www.blogger.com/profile/06388686161763413227noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post-79284021188488227582012-12-20T10:07:28.461-08:002012-12-20T10:07:28.461-08:00आपकी तारीफ के लियें दिल से सुक्रिया ....मनोबल और ऊ...आपकी तारीफ के लियें दिल से सुक्रिया ....मनोबल और ऊचा होता हैं <br />राजेंद्र जी <br /> vandanahttps://www.blogger.com/profile/06388686161763413227noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post-84774588634831463382012-12-19T12:13:30.691-08:002012-12-19T12:13:30.691-08:00गजल की बातों से थोड़ा सा हैरान हूँ.. खैर
---------...गजल की बातों से थोड़ा सा हैरान हूँ.. खैर <br />----------------------------------------------<br />लोग हर बात का अफसाना बना लेते हैं<br />सब को हालात की रुदाद सुनाया न करोराहुल https://www.blogger.com/profile/10291047869113788114noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2418096162185183600.post-78419032651254832732012-12-19T11:56:53.931-08:002012-12-19T11:56:53.931-08:00जो दिल की ज़बान
रेशमी अदा में
शब्दों की डोली में...<b> </b> <br /><b> जो दिल की ज़बान <br />रेशमी अदा में <br />शब्दों की डोली में <br />आंखों से छलकती हैं <br />उसे ग़ज़ल कहते हैं ...</b> <br /><b> </b>वाह ! वाह ! वाऽह ! क्या बात है !<br />बहुत खूब ! <br /><b> </b> <br /><b> वंदना जी </b> <br /><b> </b> शुक्र है , मैं संयोगवश नेट-भ्रमण करते हुए आपके खूबसूरत ब्लॉग पर पहुंचा ... और ग़ज़ल के बारे में नई जानकारी पा सका <br />:)<br /> <b> </b> <br /><b> तेरी दिल की सिलवटों में <br />ना होगी कोई अर्ज़ी मेरी <br />रचना हूं मैं तेरी <br /> चाहे तू अब जैसे भी पढ़ ... <br /><br />रचना हूं मैं तेरी <br /> चाहे तू अब जैसे भी पढ़ ... ... ... </b> <br /><b> </b> आहा हा ... बहुत खूबसूरत !<br /><br />बहुत सुंदर … <br />अच्छे काव्य-प्रयास के लिए बधाई !<br /><b> </b> <b> </b> <br /><b> </b> लिखती रहें … और श्रेष्ठ लिखती रहें …<br />…आपकी लेखनी से सुंदर सार्थक रचनाओं का सृजन होता रहे , यही कामना है …<br /><br /> <b>शुभकामनाओं सहित…</b> Rajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com