Friday, March 7, 2025

ग़ज़ल


जो दिल की जबान रेशमी अदा में शब्दों की डोली में आँखों से छलकती हैं उसे ग़ज़ल कहतें हैं :- 


मेरी तलाश हो तुम -2
तुझको मैंह्फुज रखेगें 
दिल की जन्नत में  
 मेरी तलाश हो तुम -2
गर हैं प्यार दुआँ ...
तो दुआँ  तुम  रहो 
गर हैं सज़ा भी इश्क 
तो सजा में मैं ही रहूँ ..
डालकर तुम पर   आलिशान सा मन 
 तुझको मैंह्फुज रखेगें 

दिल की जन्नत में  
 मेरी तलाश हो तुम -2

न कोई शक हैं ना शुबां ही सनम 
तेरी सासों के संग हैं 
 शबनमी   राबिता सा सनम 
सौपकर तुझको  सुगंध महल
 तुझको मैंह्फुज रखेगें 
दिल की जन्नत में  
 मेरी तलाश हो तुम -2

तेरी दिल की सिलवटों में 
ना होगी कोई अर्जी  मेरी 
रचना हु मैं तेरी 
 चाहें तू अब जैसे भी पढ़ 
तुझको मैंह्फुज रखेगें 
दिल की जन्नत में  
 मेरी तलाश हो तुम -2


चाहतों में कभी कोई इल्जाम न  देंगें   तुम्हें 
चाहो तो रख लो हर शय 
जो बारिश में बिखरें थें कभी 
मेरी पहचान हो तुम
तुझको मैंह्फुज रखेगें 
दिल की जन्नत में  
 मेरी तलाश हो तुम -2

*********************  





आँखों के कारोबार में दिल की हार जरुरी हैं
जो चुपके से रोक लें आंसू ..ऐसी आँखों का मुस्कुराना जरुरी है
जो सब कुछ समर्पित करें अपनों की ख़ुशी पे
ऐसे इक आपने का  जीवन में होना जरुरी है  
आँखों के कारोबार में दिल की हार जरुरी हैं

Thursday, March 6, 2025

"लोरी"

राजा बेटा  रानी  बेटी ,
परियों  की  रानी  आयेगी  सुन्दर कहानी  सुनायेगी!
          
राजा बेटा  रानी  बेटी ,


सागर के  जितने शंख सुहाने,
जुगनू वो तारें प्यारे सारे,
नई दुनिया कोई  बनायेगी 
            सुन्दर कहानी सुनायेगी......       
                     

राजा बेटा  रानी  बेटी ,


चाँद से लेके प्यार की डोरी ,
काजल भर के आखों में,  
सिरहाने तेरे बठेगी
सुन्दर कहानी सुनायेगी !
                    राजा बेटा  रानी  बेटी ,
अलसाई पलकों को सैह्लाकर, 
आँचल का झुला बनाकर ,
सपनों की मोंती पिरोयेगी
सुन्दर कहानी सुनायेगी 
 राजा बेटा  रानी  बेटी ,
परियों  की  रानी  आयेगी  सुन्दर कहानी  सुनायेगी!
 राजा बेटा  रानी  बेटी ,



This is only for women ,who really loves kids,and women has got inner connection and affection that arouse the feeling of love and care for children ,Lori is something which is liked by all the children,A mother gives birth to child and  a child gives birth to Lori,A mom automatically started murmuring something which become Lori for her child,Chanda hain tu mera suraj hain tu  is a famous Lori .Lori is a need of every society modern or conservative,rich or poor ,Lori always gives smiles and a nice sleep to children   


कैसों रंग


 अबकी ये कैसों रंग हैं सावरें ,
न तन भीगें न मन  भाये ,
  लागे जैसे कोई बैरन 
बिना संदेस के दरवाजा पे बाट जोहें !

 येहड़ देहड़ सब पिलों कर गयों  ,
वो रंग न लगीयों ,
जेहन नैयन शाम बसियों !

इत उत सब करूं ,
बिन चित के साज  रचाऊ ,
हिनक धिनक के काज कराऊँ ,
झूठों हिलोड़ मैं जताऊँ ,
छब में हैं तेरों  रंग सावरें ,
दूजों रंग मैं कैसे लगवाऊँ !

  होरी में मैं बनी बिहोरी 
लेकिन तेरी लियें हैं ,सब चितचोरी 
रस रंग में तू तो सोया ,
मैं तेरे चिन्तन में रही खोई !

इबरी होरी में सब  ऐसों नहावे ,
अंतरमन भी  रंग जावे !
वो परम सुख पावें जिन खातिर 
श्याम राधा संग रास राचावें ! 


अबकी ये कैसों रंग हैं सावरें ,
न तन भीगें न मन  भाये ,

इक खाब गाह

इक ख़्वाबगाह
 ऐसा भी हो 
जहां से दिखती  हो 
पीताम्बरी दुल्हन   सर्दियों वाली ,
नजर आयें वो दरगाह   भी   
जहां दर्ज होती हो फर्यादी अर्जियां दिल वाली ,
मन्शोख मेंहदी रंग लाती  हो  
 नसिबियत   तेरी हथेलियों पर भी !
इक ख्वाबगाह   ऐसा भी हो
 जहाँ से झाँकती  हो 
खुशियों की फुलवारी पुष्प वाटिका वाली  
इंतजार हो रिश्तों में शबरी  की नियत वाली 
ले ले कर थकें सब
 देने की लग जाएँ आदत निराली !
इक  ख़्वाबगाह ऐसा भी हो 
 जहाँ से मुश्कानी  खिरकी खुलती हो  ,
हर गली में बनकर बसंत वाली दामिनी
 हर खलश बन जाये ,कलश शांति का
 हो फिर हर जगह प्रेम दुलार वाली पालकी  !!
 इक  ख़्वाबगाह ऐसा भी हो 
जहां से दिखती  हो पीताम्बरी दुल्हन   सर्दियों वाली !!!! 




Sunday, March 2, 2025

कुछ ऐसा किया जायें

हमारे रिश्तों के आँगन  में जाने कितने रिश्तें आतें और जातें हैं ,मगर कुछ ही दिल के इतने करीब हो जातें हैं की उनकी खातिर हम कुछ भी कर गुजरतें  हैं। इन्ही रिश्तों की फुलवारी से कुछ छानकर कविता बनाने की कोशिश  है - शब्दों के दिल से ......   तो शब्दों की  नगरी, के बासिन्दों के हवाले करती हु ये कविता की कोशिश  ...   

क्यों न कुछ ऐसा किया जायें   ,

जिसे चाहें हम दिल से ,
उसे प्यार से भी बढकर प्यार किया जायें !

जो दिल की गहराईयों से हो कर रूह  तक शामिल हो ,
भूल कर भी  उसे -सवालों से न  तराशा  जायें ,
उसकी  सिरकत से ही   रग-रग में वाहिनी  हैं ,
 वो  हैं तो जिन्दगी का हर पल खुशमियाना  हैं ,
           अब ऐसे अजीज रिश्तों की जमीं पे
 दिल की मधुशाला बनाई जायें , 
     "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "

न हो दामन में  शर्त की रंगत,
समर्पण रंगरेज से  रंगी हो चाहत की चुन्नी ,
 दो राह नही ये ,
पग -पग जुड़ के राह  बना,
 हैं ये   वो मंजिल,
   और
कच्ची नवेली कियारियों में ,
 लगन  बन जाता बरगद की छाँव हैं
                   ऐसे दिलें जुगुनू पे ,
    तमाम रौशिनी छानकर अम्बर से उतारी जायें ।।
         "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "

 जज्बातों से सज जाती है जब  रति की  डोली ,
 शिथिल हो जाता  है तब  तांडव की भी बोली,
  हैं बड़ी अनोखी कारीगिरी ,
   बन जाती हैं गोपीयां भी मुह बोली सखी

          ऐसे छलियें पे ,
     मन की यमुना बहाई जायें 
       "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "

प्यार वाले दिल में मथ -मथ  कर हैं भाव उभरता,
इक इक पल में सदियों का  हैं रैन बसेरा 
न खोने का अहसास न कुछ पाने की अभिलाषा ,
जाने कैसे- चाहतों की मिटटी ,
से सिर्फ अर्पण है उपजता !  
                 इस सिर्जन सी धरती को
        प्रेम मदिरा की नमी से सिंची  जायें  
             "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "

सुनकर आवाज़ ही उसकी ,
ग़मों की आंधी ,सुकुनियत  की हवा है बन जाती ,
बस चाहना ही किसी को , खुद को करता हैं  हांफिज
          " फिर"
अपने आप में ही पूरी होकर जिवन बन जाता हैं ताबिज    ,
             ऐसे  इश्क़ पे
    दिल से अज़ान लगाई जायें 
               "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "

शब्द तराईयों के परिंदें,
 अब और हिलोड  न मुझेसे करों ,,

प्रेम भाव की गजगामिनी को ,
आज बस यही विराम लगाई जायें ,
कवित्री का हैं अब अशर्वादी कथन ,
       प्यार ,प्रेम   संबंध से
               चमकता रहें हर दिल
 पुनम  चाँद की   हो जैसे   मंदिर
              तो ऐसे प्यार में  
  क्यों न पूरी जिंदगी इंतजार में बिताई जायें !!

            "क्यों न कुछ ऐसा किया जायें  "



*******                                    *********