एक सागर के दोनों किनारे
हम दोनों हो दूर फिर भी,
मिलते हैं बाहों के सिरहाने
तेरी मेरी प्रेम कहानी
एक सागर के दोनों किनारे ।
आंचल हमने फैलाया
तुम वहीं आके हो मिलते
चंद राहें और थोड़ी दूरी
हैं यही प्रेम समर्पण
तेरी मेरी प्रेम कहानी
एक सागर के दोनों किनारे ।
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